किस प्रोग्शाला से निकला ये वायरस,
चूस रहा हे इंसानो का जीवनरस,
है चीन से फैला ज़हर,
ईरान पर बरसा कहर,
इटली बना शमशान,
जो जहा है वही रुक गया ,
न कोई कही आ रहा है न कोई कही जा रहा है.
रेल नहीं, मेले नहीं, रिक्शे नहीं, ठेले नहीं,
स्कूल, कॉलेज, और यूनिवर्सिटी में रुक गई पढाई,
चहल पहल रहती थी जहा चारो और
सब ठिकाने तेरे कहर से हो गए है सुने-सुने,
जीवन के सफर में ऐसे पल तो झेले नहीं,
तूने तो आके दूरिया और बढ़ा दी,
डरने लगा है इंसान, इंसान को गले लगाने से,
कितनो की ज़िन्दगी छीन ली है तूने, कितनो के घर उजाड़े है तूने,
उसने दुनिया पर, हर शहर, हर गाँव पर कब्जा कर लिया,
है ईश्वर है अल्लाह इस दुख की घड़ी से बचा दुनिया को,
जैसे निवारण करता है कष्टो का वेसे ही निपटा दे इस महामारी को,
कोरोना से हमकों नहीं घबराना है,
रखो स्वछता अब किसी से डरो ना, बिना काम के आप घूमो फ़िरो ना
हाथ किसी से नहीं मिलना है, चहरे पे हाथ नहीं लगाना है,
बार-बार अच्छे से हाथ धोने जाना है, सेनेटाइज करके देश को स्वच्छ बनाना है,
सावधानी रखकर कोरोना को मिटाना है,
मजबुरी है जिसकी जाने की, बात है पापी पेट और खाने की
तो कोई बात नही, किसी बात का डर नही,
घर से निकल तू मास्क लगा कर,
लोगों से बात करना, एक मीटर की दूरी बनाकर,
जिस-जिस ने कि देश की सेवा, नहीं की अपनी परवाह, हम सब मिलकर करें उनका सम्मान।।
मोदी जी का ये अभियान याद रखेगा हिंदुस्तान,
COVID जैसे कितने आए, सबका तोड़ा है अभिमान,
ये है हमारा हिंदुस्तान
वो दौर फिर से आएगा
होगी फिर से वही सुबह और ये आसमान रंगीन हो जायेगा,
हाँ ये वही देश है जहा डॉक्टर भगवान् के नाम से जाना जायेगा,
कड़कती धुप में भी वो खाखी वाला अपनी ड्यूटी निभाएगा,
समय का पहिया है,
वापस सब वैसा होगा जैसा था कभी,