स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया गया सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता अभियान है। इस अभियान को श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत 2 अक्टूबर 2019 तक “स्वच्छ भारत” की परिकल्पना को साकार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
स्वच्छता के जन अभियान की अगुआई करते हुए प्रधान मंत्री ने जनता को महात्मा गांधी के स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण वाले भारत के निर्माण के सपने को साकार करने के लिए प्रेरित किया। श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं मंदिर मार्ग पुलिस थाने में स्वच्छता अभियान को शुरू किया। धूल-मिट्टी को साफ़ करने के लिए झाडू उठाकर स्वच्छ भारत अभियान को पूरे राष्ट्र के लिए एक जन-आंदोलन का रूप दिया और कहा कि लोगों को न तो स्वयं गंदगी फैलानी चाहिए और न ही किसी और को फैलाने देना चाहिए। उन्होंने “न गंदगी करेंगे, न करने देंगे।” का मंत्र भी दिया। श्री नरेन्द्र मोदी ने नौ लोगों को स्वच्छता अभियान में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया और उनमें से हर एक से यह अनुरोध किया वो अन्य नौ लोगों को इस पहल में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
समाज के विभिन्न वर्गों ने आगे आकर स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया है. सरकारी कर्मचारियों से लेकर जवानों तक, बालीवुड के अभिनेताओं से लेकर खिलाड़ियों तक, उद्योगपतियों से लेकर अध्यात्मिक गुरुओं तक सभी ने इस महान काम के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। देश भर के लाखों लोग सरकारी विभागों द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता के इन कामों में आए दिन सम्मिलित होते रहे हैं, इस काम में एनजीओ और स्थानीय सामुदायिक केन्द्र भी शामिल हैं, नाटकों और संगीत के माध्यम से सफाई-सुथराई और स्वास्थ्य के गहरे संबंध के संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाये जा रहे हैं।
स्वच्छता अभियान का उद्देश्य केवल आसपास की सफाई करना ही नहीं है अपितु नागरिकों की सहभागिता से अधिक-से अधिक पेड़ लगाना, कचरा मुक्त वातावरण बनाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर एक स्वच्छ भारत का निर्माण करना है। देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत का निर्माण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अस्वच्छ भारत की तस्वीरें भारतीयों के लिए अक्सर शर्मिंदगी की वजह बन जाती है इसलिए स्वच्छ भारत के निर्माण एवं देश की छवि सुधारने का यह सही समय एवं अवसर है। यह अभियान न केवल नागरिकों को स्वच्छता संबंधी आदतें अपनाने बल्कि हमारे देश की छवि स्वच्छता के लिए तत्परता से काम कर रहे देश के रूप में बनाने में भी मदद करेगा।
इस अभियान के मुख्य लक्ष्य खुले में शौच को खत्म करना, इन्सानिट्री टॉयलेट्स को में परिवर्तित करना, मैनुअल मैला ढोना, पूर्ण निपटान और ठोस और तरल कचरे का पुन: उपयोग करना आदि है। इस तरह देश को पूरी तरह स्वच्छ बनाया जाएगा। अभियान के तहत उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी वांछित कदम उठाते हुए उत्तरप्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों एवं कार्यालयों में गुटखा, पान, तम्बाकू आदि निशेष कर दिए हैं।
स्वच्छता अभियान से भारत सरकार नागरिकों को स्वच्छता प्रेमी बनान चाहती है और पिछड़े से पिछड़े इलाकों को भी साफ़ बनाना चाहती है। ऐसा करने से देश को प्रगति मिलेगी और विश्व में हमारा देश एक आदर्श देश बनकर उभरेगा। इसमें अभी तक लोगों ने बढचढ कर भाग लिया है और उनकी मेहनत रंग लायी है।