स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ

पहले हमारा देश स्वतंत्र और विकसित था, फिर धीरे धीरे भारत की ख्याति दुसरे देशो को फैलने लगी थी, जिस कारण से लुटेरी नजरो ने भारत में व्यापार, सीखने, शिक्षा ग्रहण करने से अनेक बहाना के जरिये विदेशी भारत में प्रवेश करने लगे थे,  भारत में फुट डालो, और राज करो की नीति पर आगे बढ़ते रहे और भारत की आत्मनिर्भरता को धीरे धीरे खत्म करके भारत को दूसरो देशो का गुलाम बना दिया गया, जिस कारण से भारत 700 वर्षो से ज्यादा विदेशी लोगो के अधीन रहा.

भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली, भारत को आजादी तो मिल गयी, लेकिन हमारी जरुरतो के लिए आज भी इन विदेशो पर निर्भर रहना पड़ता है, जिस कारण से हम आजाद होते हुए भी इन देशो पर निर्भर है, जिसे पूर्ण स्वतंत्रता नही कहा जा सकता है.

इस कारण से आज के दौर में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की जरूरत फिर से महसूस होने लगी है, क्युकी आज के समय में वही देश विकसित है, जिनके यहा जरूरते की समान खुद देश में बनती है, ऐसे में यदि हमे सुई से लेकर जहाज तक जैसे वस्तुओ के लिए यदि दुसरे देशो पर निर्भर रहेगे, तो स्वाभाविक सी बात है, वे देश हमारी निर्भरता को कमजोरी मानकर जरुर फायदा उठाएंगेम और मनमाने दाम पर इन वस्तुओ को बेचेगे और हमे मजबूरी में इन वस्तुओ को ऊँचे दाम पर खरीदना भी पड़ेगा.

आज के समय में स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ का महत्व काफी बढ़ जाता है, अपने देश भारत को विकसित बनाना है तो भारत के लोगो को स्वदेशी पर ही ध्यान देना होगा, अपने ही देश की बनी चीजो का इस्तेमाल करना होगा.

विश्व बाजार में अत्यधिक जनसंख्या होने के कारण से हम पूरी दुनिया के लिए सिर्फ एक बाजार बनकर रह गये है, हर दुसरे देश की नजर सिर्फ यहा व्यापार करने पर रहती है, जिस कारण से हमारे देश का पैसा इन देशो की बनी चीजो को खरीदने के लिए बाहर चला जाता है, जिस कारण से ये देश तो और अमीर बन जाते है, लेकिन हमारा देश और गरीब हो जाता है.

ऐसे में यदि हम देश की बनी चीजो को खरीदते है, तो हमारे देश का पैसा हमारे देश के लोगो के पास ही रहेगा और यही के लोगो को रोजगार भी मिलेगा, इसलिए आज के समय में स्वदेशी होना बहुत जरुरी है, और हम स्वदेशी बनते है, तो हम दुसरे देश पर निर्भर होने के बजाय खुद से आत्मनिर्भर बन सकते है. और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा दे सकते है.

यदि इन बातो को छोटे से उदहारण से समझेगे तो पता चलेगा की हमारे देश में दिवाली, होली जैसे त्योहारों में फुलझड़ी, लड़िया, पटाखे काफी अधिक मात्रा में ख़रीदे जाते है, लेकिन ये सभी चीजे दुसरे देशो से आयात किया जाता है, जिस कारण से हमारे देश के पैसे का एक बड़ा हिस्सा उन देशो को चला जाता है, और इन चीजो को बनाने में उन देश के लोगो को ही रोजगार मिलता है, जिस कारण से हमारे देश की आत्मनिर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाती है.

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